Saturday, December 11, 2010

पुलिस की छवि सुधारें-एसपी

जालोर। हाल ही में तबादला होकर आए पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा ने गुरूवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जिले के वृत्ताघिकारियों व थानाप्रभारियों की अपनी पहली क्राइम बैठक ली। एसपी मीणा ने पैंडिंग मामलों का शीघ्र निस्तारण,

एफआईआर दर्ज करवाने में आ गया पसीना

फर्जी हस्‍ताक्षर से भुगतान उठाने का मामला, चार महीने तक टरकाई रिपोर्ट आम आदमी की तो बात छोडिए, जिला परिषद् के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी व रानीवाडा के विकास अधिकारी को फर्जीवाडे की एक एफआईआर दर्ज करवाने में पसीने आ गए| आखिरकार, जिला कलेक्‍टर के हस्‍तक्षेप पर चार महीने बाद रानीवाडा पुलिस थाने में फर्जीवाडे का मामला दर्ज हो पाया|
दर असल, रानीवाडा पंचायत समिति की रोपसी ग्राम पंचायत के सरपंच कालूराम मेघवाल ने 15 जुलाई 2010 को शिकायत दर्ज कराई कि उसके फर्जी हस्‍ताक्षरों से ग्राम सेवक उदयवीरसिंह ने करीब साढे आठ लाख रुपये का भुगतान उठा लिया| सरपंच की शिकायत पर महात्‍मा गांधी नरेगा में कार्यरत अधिकारियों ने बैंक से हस्‍ताक्षरों का सत्‍यापन करवाया, जिसमें सरपंच के हस्‍ताक्षर जाली निकले| इस पर रानीवाडा विकास अधिकारी एवं कार्यक्रम अधिकारी, ईजीएस, ओमप्रकाश शर्मा ने 19 जुलाई को रानीवाडा पुलिस थाने में ग्रामसेवक के विरुद्ध रिपोर्ट प्रस्‍तुत की, लेकिन थानाप्रभारी ने दर्ज करने से इनकार कर दिया|
तत्‍पश्‍चात जिला परिषद के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी ने भी पुलिस अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा, लेकिन पुलिस का रवैया पहले जैसा ही रहा| आखिरकार जिला कलेक्‍टर केवलकुमार गुप्‍ता को ग्रामसेवक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखना पडा| तब जाकर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है| इस संबंध में थानाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्‍होंने अपना मोबाइल स्‍वीच ऑफ कर दिया|
भटकना पडा रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए काफी भटकना पडा रानीवाडा थाना पुलिस ने यह कहते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की कि यह मामला उनके क्षेत्र का नहीं है| उच्‍चाधिकारियों के हस्‍तक्षेप के बाद मामला दर्ज हो पाया|
आमप्रकाश शर्मा, विकास अधिकारी, रानीवाडा

Friday, December 10, 2010

Central Vigilance Commissioner

On the International Anti-Corruption Day, the Central Vigilance Commission (CVC) launched a new portal VIGEYE where citizens can upload videos

or audios on any act of corruption directly from their mobile phones Thursday.
The new citizen-centric initiative of the CVC will enable even common man to carry out a sting operation. The complainant just needs to download

a mobile application software from the CVC website, www.cvc.nic.in, and can then start uploading audios or videos. It will be taken up by the commission for further enquiries.
Alternatively, one can register on the CVC website or SMS on 9223174440.
"The CVCs new portal is user-friendly and is an effective method for the citizens to report corruption," Central Vigilance Commissioner P.J. Thomas said.
However, former chief vigilance commissioner N. Vittal said: "The new portal can just act as a mere post office where the citizens can give in their complaints."
He also said that CVC should not just be a complaint collector but it should get powers to sanction prosecution against corrupt public servants.

दुनिया के भ्रष्ट देशों में भारत

" id="hiddentitle" > Friday, 10 Dec 2010 12:23:11 hrs IST

jaipur

नई दिल्ली । देश में एक के बाद एक बड़े घोटालों ने देश का सर शर्म से झुका दिया है। चपरासी से लेकर देश के पैसे के खर्च पर निगरानी करने वाले सतर्कता आयुक्त तक सब भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हैं। कोई कम तो कोई ज्यादा, पर भ्रष्टाचार के कीचड़ के छींटों से कोई भी बचा हुआ नजर नहीं आता। 2 जी स्पेक्ट्रम, आदर्श, तो कुछ ताजा नाम है ये सूची बहुत लम्बी है।




घूसखोरी आम बात


भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाली बर्लिन की गैर सरकारी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 86 देशों में 90 हजार लोगों के सर्वेक्षण में पाया कि 60 प्रतिशत लोग मानते हैं कि रिश्वतखोरी अब आम होती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर जारी रिपोर्ट में अफगानिस्तान, नाइजीरिया, इराक और भारत को सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों की सूची में रखते हुए कहा गया है कि इन देशों के पचास फीसदी लोगों ने रिश्वत मांगे जाने की बात स्वीकार की है।



कानून से उम्मीद बाकी


भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए भारत में पांच साल पहले कानून लागू किया। तब उम्मीद की थी कि कानून लागू होने के बाद भ्रष्टाचार में कमी आएगी। 5 सालों में कानून की सफलता के आंकड़े सामने नहीं आए हैं। उम्मीद कर सकते हंै कि जनता को अपने हक के लिए जागरूक करने में यह कानून बड़ा हथियार साबित होगा।



पुलिस को एक और तमगा



रिपोर्ट में भारत की पुलिस सर्विस को सबसे भ्रष्ट सेवा का तमगा दिया गया है। 191 देशों की सूची में भ्रष्टाचार में भारत 178वीं पायदान पर है। भारत को दस में से 3.3 अंक मिले है। करेप्शन प्रेसेप्शन इंडेक्स में भारत का स्थान 87वां है।



सिर झुकाने वाले आंकड़े



75 प्रतिशत लोग भारत में किसी न किसी तरह भ्रष्टाचार का सामना करते हैं
178 वें पायदान पर है भारत 191 देशों की सूची में
20 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि वर्ष 1948 से 2008 तक बाहर भेजे
1/4 सांसदों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप
1/3 लोगों को पुलिसको रिश्वत देनी पड़ी दुनियाभर में।

सबको पता है कौन सा जज भ्रष्ट है - SC

SC
सबको पता है कौन सा जज भ्रष्ट है - SC
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज भ्रष्टाचार पर टिप्पणी के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट पर की गई टिप्पणी वापस लेने से इनकार करते हुए कहा कि सबको पता है कि हाई कोर्ट में कौन सा जज भ्रष्ट है और कौन नहीं। अदालत ने कहा कि यह समय प्रतिक्रिया व्यक्त करने का नहीं बल्कि आत्मविश्लेषण करने का है। जस्टिस मार्कडेय काट्जू ने कहा कि उनके परिवार का पिछले सौ सालों से हाई कोर्ट से नाता रहा है और वह क्यों हाई कोर्ट की बदनामी चाहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जज भ्रष्ट नहीं होते। कोर्ट में अच्छे न्यायाधीश भी मौजूद हैं। गौरतलब है कि 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के कुछ न्यायाधीशों की ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि वहां कुछ गड़बड़ है।...