Monday, November 22, 2010

भ्रष्टाचार में भारत 87वे स्थान पर

ये खबर IBN 7 में देखी, यकीन मानिये सारी रात नींद नहींआइ, अरे कहाँ तो हम गोल्ड मेडल की बात करते है,क्रिकेट हो या कुश्ती, bedminton हो या टेबल टेनिस,हमेशा अवल आने की कोशिश करते है, परन्तु भ्रष्टाचारजो की हमारे खून में इतना ज्यादा मिल चुका है,उसमे हम 87 वे स्थान पर केसे हो सकते है ? आप किसीभी दफ्तर में चले जाइये, संत्री से मंत्री तक चपरासी सेअफसर तक सब के सब भ्रष्टाचार रुपी टोनिक से केसे फल फूलरहे है, हर आदमी अपनी हेसियत के हिसाब से इस भ्रष्टाचाररुपी समुन्दर में गोते लगा रहा है आर जीवन का भरपूर आनंदउठा रहा है, "उसकी कमीज़ मेरी कमीज़ से सफ़ेद केसे" या"उसकी गाडी मेरी गाडी से बड़ी केसे" और या "उसके बच्चेकॉन्वेंट में पड़ते है तो मेरे क्यूँ नहीं" इस विचारधारा कोअपनाते हुए, भ्रष्टाचार रुपी समुन्दर में और भी गहराईमें गोते लगा कर एक दुसरे को पछाड़ने की कोशिश मेंलगे रहते है, अब जब भ्रष्टाचार का इस कदर बोल बाला हो,लोग इस कदर इसमें रच बस गए हो तो हम 87वे नंबर परकेसे हो सकते है, ये तो हो ही नहीं सकता,ज़रूर सर्वे करने वालो से कहीं गलती हुई है,इसका सर्वे दोबारा होना चाहिए, और यक़ीनन जब सहीनतीजा आयेगा तो हर भारतीय का सीना गर्व से चोडा हो जायेगा, और उसके मुह से निकलेगा......"100 में से 99 बईमान, फिर भी मेरा भारत महान"

भारत की जनता गरीब व अशिक्षित होने के भी कई लाभ हमें मिलते है| यह की जनता गरीब व अशिक्षि होने के कारण अपने हक के लिए भी नहीं जा सकते न्‍यायालय तक| जिस दिन भारत से गरीबी और अशिक्षा मिट गई उस दिन हमारे देश की की अदालतों में 400 लाख करोड केस विचाराधिन होगें अब तो सिर्फ 400 करोड केस ही हमारे देश की अदालतो में विचाराधिन है|

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