- श्रीपति त्रिवेदी
डेटलाइन इंडिया - बाबरी मस्जिद का सच अब कभी सामने नहीं आएगा। इसकी 23 महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई है। फाइलें गायब कैसे हुईं? राज्य के गृह विभाग में काम करने वाले एक छोटे अधिकारी को परम गोपनीय लॉकर में रखी हुई ये फाइलें घर ले जाने के लिए दी गई और रास्ते में इस अधिकारी की एक दुर्घटना में मौत हो गई। लाश तो मिल गई लेकिन फाइलें नहीं मिली। यह हादसा 6 जून 2009 का है और मृतक अधिकारी का नाम सुभाष भान साध है।
- अब सवाल यह है कि मायावती का क्या स्वार्थ है कि वे इन दस्तावेजों को गायब करें। जवाब यह है कि लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट में इन दस्तावेजों का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि मामला मंदिर मस्जिद का कम और परस्पर विरोधी तथ्यों का ज्यादा है। मायावती को मुलायम सिंह को फंसाना है, उनके दोस्त कल्याण सिंह को फंसाना हैं, पूरी भारतीय जनता पार्टी को फंसाना हैं, बाबरी मस्जिद कांग्रेस सरकार के दौरान गिरी थी इसलिए कांग्रेस को फंसाना हैं इसलिए रास्ते में रूकावट बनने वाले दस्तावेज गायब करना ही आसान विकल्प था। मारे गए अधिकारी के परिवार वाले लगातार शिकायत कर रहे हैं कि ये दुर्घटना नहीं कत्ल हैं लेकिन माया मेम साहब की सरकार में सुनवाईयां नहीं होती।
Thursday, December 2, 2010
अयोध्या से जुड़ी फाइलें गायब, अफसर मरा
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