डिस्कॉम की ओर से मिले बिलों को देखकर कई उपभोक्ताओं के होश उड़ गए हैं। विभाग ने पिछले दिनों की बकाया निकालकर इन उपभोक्ताओं को बिल थमा दिए हैं। खास बात यह है कि कई उपभोक्ताओं को मिलाकर यह राशि करीब पौने दो करोड़ रूपए है।
इस प्रकार के बिल देखकर उपभोक्ताओं को अब विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैंै, लेकिन डिस्कॉम अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बिल में अधिक राशि को ऑडिट की वसूली होना बताकर जमा करवाना अनिवार्य बताया जा रहा है। जिसको लेकर उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश बना हुआ है।जानकारी के अनुसार गत माह डिस्कॉम सहायक अभिंयता भीनमाल के अधीनस्थ नगर सहित करीब तीन दर्जन गंावों के करीब बीस हजार उपभोक्ताओं की विभागीय ऑडिट टीम जोधपुर द्वारा 12०० उपभोक्ताओं से पौने दो करोड़ से अधिक की राशि वसूली योग्य बताकर इस राशि को आगामी बिल के साथ जोड़ दिया। इस कारण कई उपभोक्ताओं के इस माह का बिल हजारों और लाखों में आते ही उनके हाथ पैर कंाप गए। अब यह उपभोक्ता पिछले दस दिनों से डिस्कॉम कार्यालय के चक्कर काट-काटकर थक गए हंै। आर्थिक रुप से कमजोर कई उपभोक्ताओं के समक्ष हजारों में बिजली बिल चुकाना और आगे दीपावली का त्यौहार मनाना मुश्किल बना हुआ है, क्योंकि उनके समक्ष बिल जमा नहीं करवाने की दशा में कनेक्शन काटने का भय भी बना हुआ है। वहीं कई कृषि उपभोक्ताओं के लिए लाखों में बिल का भुगतान करना मुश्किल कार्य बन गया है।
प्रकरण दर्ज करवा लें
ञ्चऑडिट के दौरान वाजिब राशि को भरवाने के लिए कहा जा रहा है, यदि उपभोक्ता संतुष्ट नहीं है तो वह समझौता समिति में प्रकरण दर्ज करवा सकता है और बिलों की जांच में गैर वाजिब राशि जुड़ी है तो उसमें सुधार के लिए पुन: ऑडिट टीम को बुलाया जाएगा।
- बीएल सुखाडिय़ा,
डिस्कॉम सहायक अभियंता, भीनमाल
भ्रष्टाचार का क़ानूनी रास्ता -- "समझौता समिति"- जो व्यक्ति रिश्वत देता है उसी का बिल होता है कम.....
भ्रष्टाचार का अड़ा विधुत विभाग
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