Friday, October 15, 2010

भारत में सात करोड़ मकानों की कमी

विश्व बैंक ने कहा कि शहरीकरण से मकानों की बढ़ती मांग के बीच भारत में 7 करोड़ मकानों की कमी है।
बैंक ने अपनी एक रपट में कहा है कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में मध्यम तथा निम्न वर्ग के लगभग तीन करोड़ परिवार मकान खरीदना चाहते हैं लेकिन उनको आवास ऋण सुलभ नहीं है।

बैंक ने दक्षिण एशिया में आवासीस वित्तपोषण पर अपनी रपट में कहा है, 'केवल भारत में ही, आवासीय इकाइयों की कमी दो करोड़ से लेकर सात करोड़ तक है क्योंकि इसमें से आधी मांग को आवासीय तथा आवासीय वित्तपोषण बाजारों द्वारा लाभप्रद सेवाएं दी जा सकती हैं।

इसमें कहा गया है कि वित्तीय प्रणाली में कमियों को दूर किया जाना चाहिए ताकि रेहन दाताओं तथा डेवलपरों के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण अवसर सुनिश्चित किए जा सकें। रपट के अनुसार भारत में उन 2.3-2.8 करोड़ परिवारों के लिए मकान बनाना आर्थिक रूप से व्यावहारिक होगा जिनकी मासिक आय 5,000-11,000 रुपए है। ये परिवार देश की शहरी जनसंख्या का 45 प्रतिशत हिस्सा है।

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